बच्चों के लिए मां की तड़प के दो बहुत ही मार्मिक मामले सामने आए हैं। फतेहाबाद के सरकारी अस्पताल में क्वारैंटाइन की गई 26 वर्षीय एक महिला अपने 2 साल के बेटे से मिलने के लिए तड़प रही है। यहां रहते हुए उसने तीन बार भागने का भी प्रयास किया है। महिला असम की रहने वाली है और 12 मार्च को फतेहाबाद के पीली मंदोरी गांव में मिली। ग्राम पंचायत ने स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था। वह असमी में बात करती है, अब उसकी भाषा समझने वाले से उसकी बातचीत करवाई गई। पता चला कि बच्चा असम में ही है। इसके बाद अब अस्पताल प्रशासन ने जिला उपायुक्त को लिखा गया है।
इधर, सीकर के क्वारेंटाइन सेंटर में अटकी एक मां भी गांव बच्चों के पास जाने की हर किसी से बार-बार गुहार लगा रही है। वह अपने बच्चों को गांव में पड़ोसी के पास छोड़कर 15 दिन की मजदूरी के लिए सीकर आई थी। पर लॉकडाउन की वजह से यहां अटक गई है। सेंटर में जो भी आता है, उससे वह महिला सिर्फ एक विनती करती है कि उसे गांव भेज दिया जाए, जहां उसके बच्चे भूखे-प्यासे हैं।
फतेहाबाद में अटकी महिला का दो साल का बच्चा उसके पति के पास असम में है। 11 मार्च की रात को एक ट्रक ड्राइवर ने इस महिला को सिरसा में छोड़ा था और वहां से पीली मंदोरी गांव पहुंची। यहां ग्रामीणों ने जब महिला को देखा तो उसकी हालत देखकर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। जिस व्यक्ति ने महिला से असमी में बात की थी उसने बताया कि महिला ने खुद को एक लाख 20 हजार रुपए में बेचने की बात बताई थी। इसके बाद वह भटकते-भटकते हरियाणा तक पहुंच गई।
गांव से महिला को सरकारी अस्पताल लाया गया। यहां उसे आइसोलेशन वार्ड में क्वारैंटाइन कर दिया गया। डॉक्टर का कहना है कि महिला का कोरोना टेस्ट किया गया, जो निगेटिव आया है। फिलहाल महिला सुरक्षा के चलते अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही भर्ती है। उन्होंने बताया कि महिला ने आइसोलेशन वार्ड में एग्जॉस्ट फैन के होल से निकलकर भागने का प्रयास किया। लेकिन सफल नहीं हुई। इसके बाद भी दो बार वह भागने का प्रयास कर चुकी है। डॉक्टर का कहना है कि उससे बातचीत में पता चला है कि असम में उसके पति के पास 2 साल का बच्चा है। उससे मिलने के लिए वह परेशान है।