छोटे उद्योगों को 20,000 करोड़ का पैकेज !

केंद्र सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को 20 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने की तैयारी कर रही है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से इस सेक्टर की हालत बहुत खराब है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बुधवार को लोगों से सुझाव मांगे हैं कि एमएसएमई को किस तरह की मदद देने की जरूरत है।


सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस पैकेज को दो हिस्सों में बांटा जाएगा- डिस्ट्रेस एसेट फंड और फंड ऑफ फंड्स। दोनों फंडों में 10-10 हजार करोड़ रुपये होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली वित्त व्यय समिति ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और दो प्रस्तावों को आगे बढ़ाया है। इन प्रस्तावों को अगली कैबिनेट बैठक में हरी झंडी मिल सकती है.


इस सेक्टर को उबारने के लिए कांग्रेस ने भी लोगों से सुझाव मांगे हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा कि एमएसएमई आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर क्या कवर करना चाहिए, इसके लिए हमें सुझाव भेजें।


वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बहुत से एमएसएमई ऐसे हैं जो काफी मुश्किल से जूझ रहे हैं, लेकिन वे आर्थिक रूप से टिकने लायक हैं और उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है। इस फंड का उद्देश्य ऐसे ही उद्यमों को राहत देने का है। सरकार ऐसे एमएसएमई को 'टर्नअराउंड कैपिटल' देगी तो कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने कारोबार को ​नए सिरे से शुरू कर सकेंगे। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस फंड का यदि 10 फीसदी हिस्सा भी सीड मनी के रूप में निवेश किया गया तो बैंक आगे इन एमएसएमई की मदद कर सकते हैं। अभी बैंक ऐसे उद्यमों को पूंजी मुहैया कराने में हिचक दिखा रहे हैं।


दूसरे प्रस्ताव के अनुसार एक ऐसी सुविधा का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा जो पहले से उपलब्ध है। यह दूसरा फंड उन उद्यमों के लिए होगा, जिनके पास गुणवत्ता और मात्रा के लिहाज से उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सोच यह है कि कुछ बेहतर किया जाए, न कि सिर्फ बड़ा कुछ। अब एमएसएमई को अगले स्तर पर जाने का खास मौका है, क्योंकि चीन की मैन्युफैक्चरिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की सक्षमता और विदेशी फंडिंग को साथ जोड़ने की योजना है।  (स्रोत-आजतक)