डाक्टरों से हिंसा पर जेल, जुर्माना

कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान देश में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रही हिंसा को लेकर केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में बताते हुए कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून में बदल जाएगा।

जावड़ेकर ने कहा महामारी कानून में बदलाव करके अध्यादेश लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। ये संज्ञान लेने और गैर जमानती होगा। 30 दिन में कार्रवाई होगी एक साल में फैसला आएगा। उन्होंने कहा स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आरोग्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपए है।
इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि अगर डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो वे बुधवार को मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करेंगे और गुरुवार को वे 'काला दिन' मनाएंगे।