खराब रैपिड टेस्ट किट से जांच रोकी

राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट से जांच पर रोक लगा दी गई है। इस किट को कोरोना जांच में फेल पाया गया। रैपिड टेस्ट किट से 1232 लोगों के टेस्ट किए गए, जिसमें सिर्फ दो लोगों के पॉजिटिव होने के संकेत मिले। टेस्ट के नतीजे कितने सही हैं, यह जानने के लिए संक्रमितों की भी जांच की गई। उनको भी इसने नेगेटिव बता दिया।


अब राज्य सरकार ने रैपिड टेस्ट किट से जांच पर रोक लगा दी है। इसे लौटाने पर विचार किया जा रहा है। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।


राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट का प्रभाव जानने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इन किट्स की एक्यूरेसी 90 प्रतिशत होनी चाहिए थी, लेकिन, यह महज 5.4 प्रतिशत ही आ रही है। टेस्टिंग के वक्त तापमान को लेकर जो गाइडलाइन थी, उसका भी पालन किया गया था। इसके बावजूद परिणाम सटीक नहीं हैं। शर्मा के अनुसार विशेषज्ञों की टीम ने सलाह दी है कि इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं है। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच रोक दी गई है। अब पहले की तरह पीसीआर से जैसे जांच होगी। इसमें तेजी लाई जाएगी।


सूत्रों के अनुसार जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डॉक्टरों ने संक्रमितों की जांच रैपिड टेस्ट किट से की तो केवल 5 फीसदी ही पॉजिटिव पाए गए। ऐसे में पीसीआर जांच को ही सबसे अच्छा विकल्प माना गया। 17 अप्रैल को जयपुर में पहली बार रैपिड टेस्ट किट से जांच की गई थी। प्रदेश को अब तक 40 हजार रैपिड किट मिल चुकी हैं। कुल एक लाख किट मंगाए गए थे। एक किट की कीमत करीब 600 रुपए बताई जा रही है।